नफरतों और साजिशों को छोड़ स्वास्थ्य अमले पर ध्यान दे सरकार -विधायक मसूद ने जताई कमज़ोर व्यवस्था पर चिंता

 


भोपाल। जब सारी दुनिया और देश के साथ हमारा सूबा भी महामारी के दौर से गुज़र रहा है, ऐसे में प्रदेश की भाजपा सरकार को योजनाओं के नाम पर सियासत करने की सूझ रही है। इसके विधायक बचकाने बयानों के जरिए नफरत फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य सेवाएं लचर होकर ढहती नजर आने लगी हैं। प्रदेश में मौजूद चिकित्सा सुविधाओं का तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो इस मुश्किल हालात से लड़ना आसान हो जाएगा।
राजधानी के मध्य विधायक आरिफ मसूद ने बुधवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान चिंता व्यक्त की कि शहर और प्रदेश में मौजूद चिकित्सा सुविधाओं का इस्तेमाल न कर महज चुनिंदा अस्पतालों के भरोसे गंभीर बीमारों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य अमले की लचरता का जिक्र करते हुए कहा कि न तो लोगों को समय पर एंबुलेंस मिल पा रही है, न उचित इलाज। न समय पर जांच हो पा रही हैं और न ही निर्धारित अवधि में इनकी रिपोर्ट आ पा रही हैं। मसूद ने कहा कि निजी अस्पतालों को काम शुरू करने की इजाजत मिले तो लोगों को कोरोना के अलावा दीगर बीमारियों से इलाज पाना आसान हो जाएगा।


योजनाओं को भुनाने में लगे शिवराज
विधायक मसूद ने आरोप लगाया कि जहां प्रदेश महामारी से जूझ रहा है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सरकारी योजनाओं से सियासी फायदा उठाने की चिंता लगी हुई है। मसूद ने कहा कि गरीबों को राशन मुहैया कराने से लेकर उनके खाते में पैसा भेजने जैसे सभी मामले जनता की परेशानी बढ़ाने वाले ही साबित हुए हैं। मजदूरों, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को घर पहुंचाने के नाम पर भी जमकर मुनाफा कमाया जा रहा है। सरकार इन सारे मामलों में सिर्फ ऐलान कर खुद की पीठ थपथपा रही है।



ऐसे हो सकता है लॉक डॉउन का सख्त पालन
विधायक आरिफ मसूद ने लगातार लॉक डॉउन तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस के बर्बर रवैए पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि लोगों पर इस तरह लाठियां बरसाने की बजाए ये व्यवस्था की जाए कि हर चौराहे के चेकिंग प्वाइंट पर मेडिकल टीम बैठा दी जाए। जो घर से बाहर निकलने वाले हर शख्स की जांच करे। इससे गैर जरूरी काम से घरों से निकलने वालों पर पाबन्दी लग सकती है।